Gk top 50 question in hindi | gk pdf in hindi | #gkinhindi #Gktoppdf #hindipdf
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Gk top 50 question in hindi | gk pdf in hindi | #gkinhindi #Gktoppdf #hindipdf
1.न्यूटन के प्रथम नियम के अनुसार-प्रत्येक
वस्तु अपनी स्थिति को बनाए रखना चाहती है।
2. न्यूटन ने अपनी पुस्तक 'प्रिंसिपिया' में
गुरुत्वाकर्षण का नियम दिया।
3. रेखीय संवेग संरक्षण निकलकर आता है,
न्यूटन के द्वितीय तथा तृतीय नियम दोनों के |
योग से।
4. जड़त्व के कारण ही पिंड अपनी अवस्था
परिवर्तन का विरोध करता है।
5. आवेग = बल x समयांतराल
6• किसी वस्तु या पिंड में उसकी गति या वेग के कारण कार्य करने की क्षमता को 'गतिज
ऊर्जा' कहते हैं। जैसे बंदूक से दागी गई गोली में, तोप से छोड़े गए गोले में, चलते हुए वाहन में तथा घूमते हुए लढू में उत्पन्न ऊर्जा।
7. जब दो बल ‘क्रिया' एवं 'प्रतिक्रिया' एक ही
बिंदुओं पर किया करते हैं, तो परिणामी बल शून्य होगा |
8. 'वोल्टमापी' द्वारा विद्युत विभव मापा जाता |
है।
9.तरंगदैर्ध्य का मात्रक 'एंग्स्ट्रॉम' होता है।
10. एनीमोमीटर (पवन-वेग मापी) का उपयोग पवन
का वेग' मापने के लिए किया जाता है।
11.शक्ति और ऊर्जा दोनों अदिश राशियां हैं।
12. किसी विशेष दिशा में गतिशील वस्तु की स्थिति
परिवर्तन को उसका विस्थापन कहते हैं।
13. हीरा कैरेट में तौला जाता है। प्रत्येक परिष्कृत |
(Finished) हीरा कैरेट (Carats) में मापा जाता हैं जहाँ
1ct=.2 ग्राम
14. बार वायुमंडलीय दाब की इकाई है।
15- तोप फायरिंग करने के बाद पीछे धक्का न्यूटन
के गति के तीसरे नियम (क्रिया-प्रतिक्रिया) के
अनुसार मारती है।
16- एक फैदम (Fathom) का मान 6 फीट है।
17-ये भौतिक राशियां जिनमें परिमाण और दिशा
दोनों होते हैं, 'सदिश राशिया' कहलाती हैं.
जैसे-वेग (Velocity), बल (Force), त्वरण,
विस्थापन आदि।
18- वे भौतिक राशियां जिनमें परिमाण होता है,
दिशा नहीं होती, 'अदिश राशियां' (Scalar
Quantities) कहलाती हैं, जैसे-द्रव्यमान,
तापमान, समय आदि।
19- किसी सदिश का परिमाण (Magnitude) कभी
भी ऋणात्मक नहीं हो सकता है।
20- जड़त्व का नियम न्यूटन के गति के प्रथम
नियम को ही व्यक्त करता है जिसके अनुसार,
कोई गतिमान या स्थिर वस्तु अपनी गति
या स्थिर अवस्था को तब तक बनाए रखती
है जब तक कि उस पर कोई बाहा बल न
लगाया जाए।
21- न्यूटन का गति संबंधी तृतीय नियम, क्रियाप्रतिक्रिया नियम भी कहलाता है, जिसके अनुसार प्रत्येक क्रिया के बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।
22. "किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर, वस्तु पर लगे बल के अनुक्रमानुपाती होती है। यह कथन न्यूटन के गति संबंधी द्वितीय नियम को व्यक्त करता है।
23- चंद्रमा पर 'g' का मान, पृथ्वी पर के 'g' के
मान का 1/6 होता है।
24- त्वरण का मात्रक न्यूटन/किग्रा. होता है। बल का मात्रक 'न्यूटन' तथा ऊष्मा, कार्य अथवा ऊर्जा का मात्रक 'जूल' है।
25.- यह VIR के बराबर होता है। जहां पर M
द्रव्यमान, Vवेग, त्रिज्या है।
26- जड़त्व आघूर्ण का S.I. मात्रक किग्रा.मी. होता हैं, वृत्ताकार मार्ग पर गतिशील कण को वृत्त के केंद्र से मिलाने वाली रेखा एक सेकंड में जितने कोण से घूम जाती है, उसे उस कण का कोणीय वेग' (Angular Velocity) कहते हैं |
27. तापमान धर्मामीटर से मापा जाता है।
28.100°C तापमान का मान 373K होता है।
29. दाब की एस.आई. इकाई पास्कल है।
30. द्रवों में पृष्ठ तनाव का कारण अणुओं के मध्य ससंजक बल है। ससंजक बल वह आकर्षण बल है, जो एक ही प्रकार के अणुओं के बीच कार्य करता है।
31. पृष्ठ तनाव द्रव की वह प्रवृत्ति है, जिससे द्रव
अपना क्षेत्रफल न्यूनतम करने का प्रयास करता है।
32. पानी से भरे गिलास के अन्दर तैरते हुए बर्फ के टुकड़े के पिघल जाने पर जल का स्तर वही बना रहता है, क्योंकि बर्फ के टुकड़े द्वारा प्रतिस्थापित जल का आयतन बर्फ के द्रव रूप के आयतन के बराबर होता है।
33. उत्प्लावी बल किसी वस्तु द्वारा हटाए गए। तरल के भार के बराबर होता है। यह सिद्धांत आर्किमिडीज ने दिया था।
34. पिघलने पर सामान्यतया ठोस के आयतन में वृद्धि होती है लेकिन बर्फ पिघलने पर सिकुड़ती है।
35. यदि ठोस में कोई अशुद्धि विद्यमान है, तो
उसका गलनांक कम हो जाता है।
36. 'पारा' सीसे को नहीं भिगोता है, क्योंकि विकृति
ससंजन बल आसंजन बल से अधिक होता है।
37. जल में किसी डिटर्जेंट (सामुन) को मिलाने से
पृष्ठ तनाव कम हो जाता है।
38.- संवहन (Convection) की प्रक्रिया में उष्मा
का संचरण अणुओं के वास्तविक स्थानान्तरण के द्वारा होता है।
39. पानी की विशिष्ट ऊमा सर्वाधिक होती है
इसका मान एक कैलोरी ग्राम सेंटीग्रेड या 4181 जूल किलोग्राम ^-1.' सेंटीग्रेड होता है।
40- किसी पदार्थ के 1 ग्राम का तापमान 10 बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को उस पदार्थ की विशिष्ट ऊष्मा' कहते हैं।
41 - संघनन वह क्रिया है जिसमें वाष्प द्रव में
परिवर्तित होती है।
42 - ताप बढ़ाने पर प्रत्यास्थ्य मान घटता है, क्योंकि
ताप बढ़ाने से पदार्थों की अवस्था में परिवर्तन हो जाता है।
43. फॉरेनहाइट पैमाने में शुद्ध जल का क्वथनांक
212Fहोता है।
44. किसी पिंड द्वारा किया गया कार्य = बल x बल की दिशा में विस्थापन।
45. जब किसी वस्तु में विशेष अवस्था (Position) के कारण कार्य करने की क्षमता आ जाती है, तो स्थितिज ऊर्जा' (Potential Energy) कहलाती है।
46. S.I. प्रणाली में कुल 7 मूल मात्रकों को रखा
गया है।
47- भारत में S.I. प्रणाली । अप्रैल, 1957 को
लागू हुई।
48. विद्युत जनित्र (Generator) यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करके विद्युत उत्पन्न |
करते हैं।
49. ये Electro Magnetic Principal पर कार्य
करते हैं।
50- रैखिक गति दो प्रकार की होती है।
51- एक समान रैखिक गति में वेग अपरिवर्तित
होता है, त्वरण शून्य होता है।
52. असमान रैखिक गति में वेग एक समान नहीं|
रहता, त्वरण अशून्य होता है। यह भी दो प्रकार का होता है।
53. किसी घड़ी के लोलक की लंबाई बढ़ाए जाने
पर आवर्त अवधि बढ़ती है।
54- सिमंग को अपनी सामान्य लंबाई पर वापस
लौटने के लिए लगने वाले बल को 'प्रत्यास्थ प्रत्यानयन बल' (Elastic Restoring Force) कहते हैं।
55. प्रत्यास्थता (Elasticity), किसी वस्तु के पदार्थ
का यह गुण है, जिसके कारण वस्तु किसी विरुपक बल (Deforming Force) के द्वारा उत्पन्न आकार अथवा आकृति के परिवर्तन का विरोध करती है।
56. त्वरण प्रति सेकंड वेग में वृद्धि को कहते हैं। C.GS. प्रणाली में इसकी इकाई सेमी./से. होती है। M.K.S. प्रणाली में इसकी इकाई मी/सें.' होती है।
57. घनत्व वह भौतिक राशि है, जिस पर मात्रा में
वृद्धि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। कार्य करने की दर को शक्ति या सामर्थ्य कहते हैं।
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